इंतजार ने उठा दिया न्याय प्रक्रिया से एतबार
सुदेश त्यागी, मेरठ
08/05/10 | Comments [0]
Change font size:A | A

Comment

Rating

Bookmark

जागो ग्राहक जागो का नारा देकर उपभोक्ताओं को हक दिलाने का दम भरने वाली उपभोक्ता फोरम खुद उच्च अदालतों के आदेशों में होने वाली देरी के चलते असहाय हो गई हैं। एक कंपनी से बीमा कराकर भविष्य सुरक्षित करेने की आस में मेरठ के विनोद गौड़ ने 21 साल पहले दुकान की पॉलिसी ली थी। कुछ दिन बाद ही चोरों ने दुकान से सारा सामान उड़ा दिया। विनोद ने मुआवजा मांगा तो उसे अदालतों की सीढि़यां ही नसीब हुईं। उपभोक्ता फोरम विनोद को कंज्यूमर मानती है, लेकिन कंपनी ने उन्हें कंज्यूमर मानने से इनकार कर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। फोरम आज भी हाईकोर्ट से स्टे हटने के इंतजार में है और मामले में हर तीन महीने बाद तारीख लगाता है। विनोद अब आस छोड़ चुका है। उसने अब तारीख पर भी आना छोड़ दिया है। मेरठ के शास्त्रीनगर के विनोद गौड़ गढ़ रोड स्थित आम्रपाली के पास चन्द्रा रेडियोज के नाम से दुकान चलाते थे। 3 अगस्त 1987 को विनोद ने 255 रुपये का भुगतान कर द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से दुकान के सामान का पचास हजार रुपये का बीमा कराया था। बीमा की पॉलिसी के मुताबिक एक साल के लिए उसकी दुकान इंश्योर्ड थी। विनोद गौड़ की दुकान में 7 नवंबर 1988 की रात चोरी हुई, जिसका मुकदमा थाना नौचंदी में दर्ज हुआ। चोरी के बाद विनोद ने बीमा कंपनी से चोरी हुए सामान का मुआवजा मांगा। कंपनी ने सर्वेयर भी नियुक्त किया। विनोद ने चोरी की रिपोर्ट तथा अन्य जरूरी कागजात कंपनी को देकर 33,702 रुपये का क्लेम मांगा। सभी जरूरी कागजात लेने के बाद भी बीमा कंपनी ने विनोद की क्लेम राशि नहीं दी। विनोद ने बीमा कंपनी कार्यालय के कई चक्कर काटे, लेकिन उसे हर्जाना नहीं मिला। आखिरकार उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। इस फोरम ने बीमा कंपनी को नोटिस भेजा तो कंपनी ने जवाब में धारा 34 आरबिट्रेशन एक्ट का हवाला देते हुए अपनी आपत्ति दाखिल कर दी। विनोद के कई साल तक चक्कर काटने के बाद जिला फोरम उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अहमद शमीम व सदस्य मनजीत सिंह चौहान ने बीमा कंपनी की आपत्ति को खारिज कर दिया। साथ ही बीमा कंपनी को जबाव दाखिल करने की तारीख 12 अक्टूबर 93 तथा सुनवाई की तारीख 28 दिसंबर 93 तारीख नियत की गई। फोरम के आदेश पर बीमा कंपनी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पर रोक लगा दी। विनोद गौड़ को अपनी दुकान में चोरी हुए समान की बीमित राशि तो नहीं मिली, बदले में मिला स्टे। हाईकोर्ट का स्टे मिलने के बाद बीमा कंपनी ने फोरम में जवाब दाखिल नहीं किया, वहीं फोरम में अग्रिम आदेश की तारीख लग रही है। मामले में आदेश देने वाले फोरम के चेयरमैन अहमद शमीम का भी अब निधन हो चुका है।


  

Print

E-mail

Save
Post Comments