 दैनिक जागरण की 'बेहतर न्याय लाएगा बदलाव' जनजागरण मुहिम हर वर्ग के बीच सकारात्मक न्यायिक बदलाव की सोच रख रही है। इसमें न्यायिक व्यवस्था को आम आदमी के लिहाज से उपयोगी बनाए जाने के लिए लोकतंत्र के सभी स्तंभों की भूमिका पर जोर दिया गया। मंगलवार को कोतवाली व तहसील परिसर के समीप चले जनजागरण अभियान का शुभारंभ एसपी सिटी जेएस भंडारी व एएसपी डा. सदानंद दाते ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके श्री भंडारी ने कहा कि आम आदमी का विश्वास न्याय प्रणाली पर कायम है। लंबित मुकदमे देश के लिए बड़ी समस्या हैं, लेकिन इसके लिए लोकतंत्र के केवल एक तंत्र न्यायपालिका को ही जिम्मेदार नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि पुलिस एक इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी के रूप में कार्य करती है, जिसमें जांच में त्वरित गति लाने के प्रयास जरूरी हैं। वहीं एएसपी डा. दाते ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत पुलिस के कार्यो को दो भागों में विभक्त किया गया है, जिसमें इंवेस्टिगेशन एवं लॉ एंड ऑर्डर मेनटेन करना शामिल है। मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए पुलिस कार्यो में जांच के मुद्दे को अलग रखा जाना जरूरी है। डा. दाते ने कहा कि इसके लिए राज्य में प्रयास हुए हैं, फिलहाल मैन पॉवर की कमी व अन्य फैक्टरों की वजह से पूरी तरह कार्य नहीं हो पा रहा है। जागरण की पहल को उन्होंने सराहनीय बताया। तहसील परिसर में भी अधिवक्ताओं, वादकारियों एवं छात्र-छात्राओं ने भी जागरण के साथ विचार साझा किए। इस दौरान अधिवक्ता उमेश चंद्र तिवारी, दीप भट्ट, प्रदीप जोशी, गोपाल दत्त खोलिया, जगमोहन बगड़वाल, कमल किशोर रावत, राजकुमार आदि मौजूद रहे। अभियान के दौरान करीब 275 सर्वे फार्म भरे गए।
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