स्थित सीजेएम के न्यायालय में पहुंच गया और शुरू हो गया अभियुक्तों को तारीख पर आने-जाने का सिलसिला। आने-जाने के क्रम में ही पैरवी छूटी, परिणामस्वरूप दुखन यादव, श्रीराम यादव तथा सुरेश यादव को तकरीबन दो महीने तक जेल में रहना पड़ा। जबकि रामकृत यादव भी एक पखवारे के लिए जेल गये। आते-जाते अभियुक्त ब्रह्मदेव यादव,मोही यादव तथा दुखन यादव परलोक सिधार गये जबकि गवाह सोही यादव,रमेशर यादव तथा रामवृक्ष यादव की भी मौत हो गयी। अभियुक्त सुरेश यादव की उम्र भी 65 वर्ष से अधिक हो चुकी है परिणामस्वरूप वे तारीख पर आने जाने लायक भी नहीं हैं। लेकिन मुकदमा है कि अभी चल रहा है।